भारतीय प्रेस में छपी एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारतीय एजेंसियां पाकिस्तान और यूरोप की एक ड्रोन निर्माता कंपनी के बीच प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (ToT) समझौते पर नज़र रख रही हैं।
इस घटनाक्रम पर नज़र रख रहे एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, यूरोपीय निगम और पाकिस्तान की सरकारी रक्षा निर्माता कंपनी, हेवी इंडस्ट्रीज टैक्स-आईएलए ने स्पष्ट रूप से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।
एक अनाम अधिकारी ने कथित तौर पर प्रेस को बताया कि मई में हुए संघर्ष के बाद, पाकिस्तान के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी सैन्य श्रेणी के मध्यम-ऊँचाई वाले लंबी-क्षमता वाले ड्रोन के लिए यूक्रेन, रूस और यूरोप के अन्य ड्रोन निर्माताओं के संपर्क में थे।
यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब रूस और यूक्रेन दोनों ही अपने मौजूदा संघर्ष में ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं और एक-दूसरे के ऊर्जा बुनियादी ढांचे और सैन्य-औद्योगिक स्थलों को निशाना बना रहे हैं।
लंबी दूरी के ड्रोन रूस और यूक्रेन के अंदरूनी इलाकों में भी हमला कर चुके हैं और रिफाइनरियों और लॉजिस्टिक्स केंद्रों को निशाना बना रहे हैं।


















