अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी के साथ सोमवार को यहां हुई बैठक में अफगान हिंदुओं और सिखों का प्रतिनिधित्व करने वाले अल्पसंख्यक समूहों ने तालिबान सरकार से देश में गुरुद्वारों और मंदिरों को बहाल करने और उनकी सुरक्षा करने का आह्वान किया, साथ ही सरकार में अधिक प्रतिनिधित्व की भी मांग की।
नई दिल्ली के मनोहर नगर स्थित गुरुद्वारा गुरु नानक साहिब जी के अध्यक्ष गुलजीत सिंह ने दिप्रिंट को बताया, "कई गुरुद्वारों और मंदिरों की दीवारें क्षतिग्रस्त हैं और उन्हें मरम्मत की ज़रूरत है। हमने इन इमारतों के जीर्णोद्धार और रखरखाव का अनुरोध किया है।"
सिंह ने आगे कहा, "हमने सरकार में अल्पसंख्यक समुदायों का अधिक प्रतिनिधित्व करने का भी अनुरोध किया। हमने अनुरोध किया कि सरकार में हिंदू समुदाय से कम से कम एक और सिख समुदाय से एक व्यक्ति को नियुक्त किया जाए।"
मुत्तकी ने समुदाय के नेताओं को तालिबान शासन से समर्थन का आश्वासन दिया, खासकर गुरुद्वारों के जीर्णोद्धार, अल्पसंख्यकों के संपत्ति अधिकारों और इमारतों की सुरक्षा के मामले में।
प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने दिप्रिंट को बताया कि तालिबान नेता ने "उनका इन स्थलों का दौरा करने के लिए स्वागत किया" और इसके लिए वीज़ा हेतु आवश्यक सभी सहायता का वादा किया।
भारत ने शुक्रवार को अफगानिस्तान के तालिबान प्रशासन के साथ संबंधों को उन्नत किया था, यह घोषणा करके कि वह काबुल में अपने दूतावास को फिर से खोलेगा जो 2021 में तालिबान द्वारा सत्ता पर कब्जा करने के बाद बंद कर दिया गया था।










