विश्व परमाणु उद्योग स्थिति रिपोर्ट (WNISR) 2025 के अनुसार, पाकिस्तान 2024 में 21.7 टेरावाट-घंटे (TWh) परमाणु बिजली का सर्वकालिक उच्चतम उत्पादन करी।
यह आंकड़ा 2023 में 21.3 TWh से अधिक है। इससे राष्ट्रीय ग्रिड में परमाणु ऊर्जा का हिस्सा एक साल पहले के 16.2% से बढ़कर रिकॉर्ड 17% हो गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि रिकॉर्ड उत्पादन के बावजूद, कुल बिजली लागत और अक्षमताएँ एक व्यवस्थित चरम बिंदु पर पहुँच गई हैं, जिससे अधिक उपभोक्ता नवीकरणीय ऊर्जा, विशेष रूप से सौर ऊर्जा की ओर रुख कर रहे हैं।
पाकिस्तान में छह परमाणु रिएक्टर हैं जिनकी कुल क्षमता 3.3 गीगावाट (GW) है। ये सभी चाइना नेशनल न्यूक्लियर कॉर्पोरेशन (CNNC) द्वारा निर्मित हैं, जिनमें कराची के पास दो हुआलोंग वन रिएक्टर - कानुप-2 और कानुप-3 - और पंजाब के चश्मा संयंत्र में चार CNP-300 इकाइयाँ शामिल हैं।
देश ने दिसंबर 2024 में चीन के समर्थन से एक और 1,200 मेगावाट क्षमता वाले रिएक्टर, चश्मा-5 पर काम शुरू किया।
यह संयंत्र चीन की एकमात्र परमाणु नव-निर्मित परियोजना है जो वर्तमान में विदेश में निर्माणाधीन है और पिछले पाँच वर्षों में वैश्विक स्तर पर पहली गैर-रूसी परमाणु परियोजना है।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बुधवार को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि पाकिस्तान का लक्ष्य 2030 तक परमाणु ऊर्जा क्षमता को 1,200 मेगावाट तक बढ़ाना तथा 2035 तक नवीकरणीय ऊर्जा और जल विद्युत की संयुक्त हिस्सेदारी को 62% तक बढ़ाना है।