क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि रूस भारत के साथ अपनी व्यापारिक साझेदारी को और मज़बूत करने के लिए उत्सुक है, जबकि कुछ देश द्विपक्षीय व्यापार में बाधाएँ खड़ी करने की कोशिश कर रहे हैं।
स्पुतनिक द्वारा आयोजित एक मीडिया कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि दोनों देश इन बाधाओं को दूर करने और अगले पाँच वर्षों में व्यापार को 100 अरब डॉलर तक बढ़ाने के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रयासरत हैं।
पेस्कोव ने बताया कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा में वरिष्ठ अधिकारी असैन्य परमाणु ऊर्जा और रक्षा जैसे क्षेत्रों में नए प्रस्ताव लेकर आएंगे, जिनमें छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों से जुड़ी एक योजना भी शामिल है।
उन्होंने भारत-रूस व्यापार में बाधा डालने वाले पश्चिमी प्रतिबंधों की आलोचना की और उन्हें "अवैध" बताया। उन्होंने अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता में कमी और अंतरराष्ट्रीय लेनदेन में राष्ट्रीय मुद्राओं के बढ़ते उपयोग के वैश्विक रुझान पर प्रकाश डाला।
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि मॉस्को यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है कि उसका व्यापार जारी रहे और भारतीय खरीदार कच्चे तेल और कच्चे उत्पादों की गारंटीकृत आपूर्ति का आनंद ले सकें।
पेस्कोव ने कहा, "हम इसे काफ़ी सफलतापूर्वक प्रबंधित कर रहे हैं। इन अवैध प्रतिबंधों के दौर में काम करने का हमें गहरा अनुभव है।" उन्होंने आगे कहा कि प्रतिबंधों से बचने के लिए रूस के पास अपनी तकनीकें हैं। उन्होंने आगे कहा, "बेशक, अगर प्रतिबंधों का यह सिलसिला जारी रहा तो हम इन तकनीकों को और भी बेहतर बनाते रहेंगे।"












